वाशिंगटन । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वह भारत को एक निश्चित श्रेणी के चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिए कहेगा। भारत सरकार ने 20 जुलाई को घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और आगामी त्यौहारी सीजन के दौरान खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रकार का चावल देश से निर्यात किए जाने वाले कुल चावल का लगभग 25 प्रतिशत है।
खाद्य मंत्रालय ने कहा था कि आधे उबले गैर-बासमती चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि वर्तमान माहौल में इस प्रकार के प्रतिबंध दुनिया के बाकी हिस्सों में खाद्य कीमतों में अस्थिरता बढ़ सकती है। इससे जवाबी कदम भी उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, इसलिए, निश्चित रूप से इस प्रकार के निर्यात प्रतिबंधों को हटाने के लिए प्रोत्साहित करने वाले हैं, क्योंकि ये वैश्विक स्तर पर हानिकारक हो सकते हैं।
भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 42 लाख डॉलर का रहा, जो इससे पिछले साल 26.2 लाख डॉलर था। भारत के गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात के प्रमुख गंतव्यों में अमेरिका, थाईलैंड, इटली, स्पेन और श्रीलंका शामिल हैं। घरेलू बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और स्थानीय कीमतों में वृद्धि को दूर करने के लिए, सरकार ने तत्काल प्रभाव से निर्यात नीति को 20प्रतिशत के निर्यात शुल्क के साथ मुक्त से निषिद्ध में संशोधित किया है।