अयोध्या| भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या आंदोलन से जुड़े महापुरुषों आध्यत्मिक गुरूओं और प्राचीन वैदिक ज्ञान परंपरा के मनीषियों से जुड़ी यादों को यूपी सरकार ताजा करने जा रही। यह सब कुछ भगवान राम की नगरी में परिलक्षित होगा। यहां के हर चौराहों का सुंदरीकरण किया जाएगा। साथ ही इनका नामकरण भी आध्यत्मिक और श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े महापुरुषों के नाम पर किया होगा।

लता मंगेशकर के 93वें जन्मदिन के मौके पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा अयोध्या में की। उन्होंने आज यहां पर लता मंगेशकर चौक का उद्घाटन किया। इस मौके उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष के भीतर अयोध्या के सभी चौराहों का सुन्दरीकरण करते हुए इनका नामकरण महर्षि वशिष्ठ, रामानुजाचार्य, गोस्वामी तुलसीदास आदि के नाम पर किया जाएगा। यही नहीं, श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में शामिल महापुरुषों के नाम पर भी चौराहों का नामकरण होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राम नाम की धुन से रामभक्तों के मन को जगाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर की यादें अब हमेशा के लिए रामनगरी अयोध्या से जुड़ गई हैं। अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग के समीप स्थित नयाघाट चौराहा अब 'लता मंगेशकर चौक' के नाम से जाना जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लता दीदी ने हमारे आस्था के प्रतीक श्रीराम व श्रीकृष्ण के भजनों की सरिता बहाई तो राष्ट्रभक्ति के गीतों को अपने स्वर से सजा कर संगीत साधना को वंदनीय बनाया। कला और संगीत के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, अयोध्या में यह स्मृति चौक हमें सदैव उनसे जोड़े रखेगा। लता जी की याद में चौक सुन्दरीकरण करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा को मुख्य तत्व बताते हुए मुख्यमंत्री ने आभार भी जताया। साथ ही कहा कि चौक पर कोई प्रतिमा न लगाकर माँ शारदे की प्रतीक 'वीणा' की स्थापना की गई है। चारों ओर सात स्तम्भ हैं जो संगीत के सात स्वरों के प्रतीक हैं। 92 कमल पुष्प हैं जो लता जी के जीवन के 92 वर्षों की याद दिलाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां लता जी की सम्मोहित करने वाली मधुर आवाज के साथ श्रीराम के भजन गूंजेंगे, जो श्रीरामजन्मभूमि की ओर जाने वाले हर श्रद्धालु के मन को आह्लाद से भर देंगे।

कहा कि भगवान श्रीराम के सर्वाधिक भजन गाने का गौरव लता जी को है, ऐसे में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से लता जी के प्रति कृतज्ञता स्वरूप यह चौक संवारा गया है। संत-मंहत, अनेक जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय जनता की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि 'राम काज' में जिस किसी का भी योगदान होगा, अयोध्या में उनकी स्मृति को संजोया जाएगा।

समारोह में मुख्यमंत्री ने श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण की तैयारियों और आम जन में रामलला के दर्शन की उत्सुकता का जिक्र भी किया। अयोध्या से अपने आत्मीय जुड़ाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 के बाद जब यहां आता था तो संत-महंत गण पूछते थे, कब बनेगा मंदिर! और मैं यही कहता कि भगवान परीक्षा ले रहे रहे हैं बस धैर्य बनाये रखिये। आखिर 500 साल का इंतजार खत्म हुआ और प्रधानमंत्री जी ने मंदिर की आधारशिला रखी। अब तो मंदिर बन रहा है और बहुत जल्द सभी की प्रतीक्षा समाप्त होगी।

अयोध्या के समग्र विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लता चौक तो एक शुरूआत है। आने वाले दिनों में अयोध्या अपने त्रेतायुगीन वैभव को प्राप्त करेगी। यह दुनिया की सुंदरतम नगरियों में से एक होगी।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि भारतरत्न लता जी गीतों के माध्यम से आत्मा को छूने की जादूगर थीं। उनके स्वर में 'ए मेरे वतन के लोगों' आज की पीढ़ी को भी राष्ट्रभक्ति के भाव से भर देता है। लता दीदी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। केंद्रीय मंत्री ने खुद के तेलुगूभाषी होने की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लता जी के तेलुगु गीतों की भी याद की और कहा कि लता जी ने अलग-अलग भावों के साथ विभिन्न भाषाओं में 30 हजार से अधिक गीत गाये हैं। उन्होंने अयोध्या के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से मुख्यमंत्री योगी द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर खुशी भी जताई। कार्यक्रम में अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित अयोध्या विशेषांक पत्रिका तथा ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के 10 खंडों का विमोचन भी किया गया। इससे पहले मीराबाई और गोस्वामी तुलसीदास रचित लता मंगेशकर द्वारा गाये गए भजनों की सम्मोहक प्रस्तुतियां भी हुईं।

विशेष कार्यक्रम में खास तौर पर आमंत्रित लता जी के परिजन आदिनाथ और कृष्णा मंगेशकर स्मृति चौक देखकर भाव-विभोर हो उठे।