नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल के कारावास की सजा सुनाए जाने संबंधी फैसले को पार्टी ऊपरी अदालत में जल्द चुनौती देने की तैयारी में है तथा इस संदर्भ में उसकी कानूनी टीम पटना एवं रांची में चल रहे इसी तरह के मामलों को भी संज्ञान में ले रही है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों का यह भी कहना है कि अपील दायर करने में विलंब नहीं हो रहा है, क्योंकि निचली अदालत का फैसला गुजराती भाषा में है और 170 पृष्ठों का है, जिसका अंग्रेजी भाषा में कानूनी नजरिये से सही ढंग से अनुवाद करने में चार से छह दिन का समय लगता है।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अपील दायर करने में विलंब क्यों कर रही है, तो पार्टी के एक नेता ने कहा कि कोई विलंब नहीं हो रहा है। सूरत की अदालत का फैसला 170 पृष्ठों का है और इसका अनुवाद करने में चार से छह दिन का समय लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि पटना और रांची में इसी तरह के मामले हैं। हमारी कानूनी टीम इनको भी संज्ञान में लेकर आगे का कदम उठा रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बहुत जल्द अपील दायर की जाएगी। उनका यह भी कहना है कि राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराने का जो कदम उठाया गया है, उससे 19 विपक्षी दल एक साथ आए हैं। पहले करीब 15 दल ही साथ होते थे। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद से आम लोगों के बीच उनके प्रति सहानुभूति पैदा हुई है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ‘मोदी उपनाम वाले बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा है कि पटना की एक अदालत ने राहुल को व्यक्तिगत रूप से 12 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसके मद्देनजर उनको लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था।