गुजरात के सूरत से आवारा कुत्तों के आतंक का एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक दो साल की मासूम ने अपनी जान गंवा दी है। दरअसल, बीते रविवार यानी 19 फरवरी को सूरत के खजोड़ इलाके में तीन कुत्तों ने 2 साल की बच्ची को बेहरमी से नोच डाला, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इसके बाद उसे तुरंत इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बीती रात बच्ची की मौत हो गई।

खेल रही बच्ची पर तीन कुत्तों ने किया हमला

मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले रवि कहार अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ खाजोद इलाके में रहते हैं और वहीं, मजदूरी करके अपना गुजारा करते हैं। बीते रविवार को उनकी दो साल की बच्ची गली में खेल रही थी, तभी तीन कुत्तों ने बच्ची पर हमला कर दिया। इसके बाद आस-पास मौजूद लोगों ने बच्ची को उन कुत्तों के चंगुल से छुड़ाया और इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर गए।

बच्ची के शरीर पर 30-40 चोट के निशान

अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों को पता लगा कि बच्ची के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर कुत्तों के काटने के लगभग 30 से 40 गंभीर जख्म हैं। भर्ती करने के दौरान बच्ची की हालत बहुत ही गंभीर थी, जिसके कारण प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत बच्ची की सर्जरी की गई। यहां तक कि उसकी जान बचाने के लिए ऑपरेशन भी किया गया, लेकिन 3 दिन बाद बच्ची अपनी जिंदगी की जंग हार गई। मासूम की मौत से परिवार में मातम पसर गया है।

सर्जरी के बाद किया गया था ऑपरेशन

सिविल अस्पताल के डॉ. केतन नायक ने बताया कि बच्ची के शरीर पर कुत्तों के काटने के 30 से ज्यादा निशान थे। हालांकि, बच्ची को बचाने के लिए दो-तीन घंटे का ऑपरेशन भी किया गया था। उस दौरान बच्ची की स्थिति में थोड़ा बदलाव आया था, लेकिन वो रिकवर नहीं कर पा रही थी। ऑपरेशन के बाद भी बच्ची का हर तरह का इलाज किया जा रहा था, लेकिन दुर्भाग्य से बच्ची की मौत हो गई। बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश की गई थी।

बच्ची के पिता रवि ने बताया कि वह काम पर थे और बच्चे घर में खेल रहे थे। उस वक्त उन्हें पता चला कि उनकी बेटी को कुत्तों ने नोच डाला है। लिहाजा, बच्ची को सिविल अस्पताल लाया गया और यहां उसका इलाज चल रहा था।

प्रशासन नहीं उठा रही ठोस कदम

गौरतलब है कि सूरत शहर से लगातार आवारा कुत्तों के आतंक की खबर सामने आ रही है। वहीं, दूसरी ओर नगर निगम सिस्टम दावा करता है कि उसने सेफ्टी के लिए सभी बातों का ध्यान रखा है। हालांकि, स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।