हरियाणा | हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने पानी के रेट में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। साथ ही एचएसवीपी हर माह प्रदेश के सेक्टरवासियों से पेयजल के नाम पर 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली करेगा। एचएसवीपी ने नए रेट के हिसाब से ही पानी के बिल वितरित करने शुरू कर दिए हैं।उधर, सेक्टरवासियों ने पानी के रेट में बढ़ोतरी का विरोध करना शुरू कर दिया हे। हरियाणा स्टेट सेक्टर कॉन्फेडरेशन ने प्रदेश में एक समान पानी के रेट लागू करने की मांग को लेकर हिसार समेत अन्य जगहों पर हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है।

एचएसवीपी ने वर्ष 2018 में हर साल पानी के रेट में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी करने का फैसला किया था, मगर किसी कारणवश इस फैसला को लागू नहीं किया गया था। इसी बीच कोरोना संक्रमण आ गया। अब प्राधिकरण ने इस बढ़ोतरी को लागू कर दिया है। वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक के हिसाब से पानी के रेट में एक साथ ही 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।स्टेट सेक्टर कॉन्फेडरेशन की मानें तो प्रदेश में कुल 436 सेक्टर हैं, जिनमें पानी के करीब पांच लाख कनेक्शन हैं। एक कनेक्शन धारक का एक माह का औसत पानी का बिल एक हजार रुपये आता है। इस हिसाब से प्रदेश भर से एचएसवीपी पेयजल के नाम पर 50 करोड़ रुपये वसूलता है।

चूंकि अब पानी के रेट में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है तो अब पेयजल के लिए सेक्टरवासियों को 10 करोड़ रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।हरियाणा स्टेट सेक्टर कॉन्फेडरेशन के राज्य संयोजन यशवीर मलिक के मुताबिक सेक्टरों में पानी के रेट कॉलोनियों के मुकाबले पांच गुना ज्यादा हैं। यह सेक्टरवासियों के साथ ज्यादती है। ऊपर से एचएसवीपी ने 20 प्रतिशत रेट और बढ़ा दिए हैं। हमारी मांग है कि सेक्टरों में पानी के रेट कॉलोनियों के समान किए जाएं। इसी को लेकर कॉन्फेडरेशन के प्रदेश के सभी सेक्टरों में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। ये हस्ताक्षर 18 फरवरी के बाद राज्यपाल को सौंपे जाएंगे। इसके बाद फरीदाबाद में बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।