कानपुर । हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव अपने मजाकिया अंदाज के लिए जाने जाते थे। राजू ने लोगों को खूब गुदगुदाया। अपनी पूरी जिंदगी राजू ने मायूस और रोते हुए लोगों को हंसने का हुनर सिखाया। राजू का अचानक से दुनिया छोड़कर जाना, किसी सदमे से कम नहीं है। इस बीच कानपुर की दो मासूम बच्चियों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कोरोना काल में दोनों सगी बहनों ने अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद राजू इन दोनों मासूम बच्चियों के लिए सहारा बनकर आगे आए थे। ये दोनों बहने राजू से मिलने के लिए मुंबई भी गईं थीं।
खुशी और परी ने कोरोना में अपने माता-पिता को खो दिया था। बच्चियों को उनके रिश्तेदारों ने भी रखने से इंकार कर दिया था। मकान मालिक और केयरटेकर प्रेम पांडेय ने बच्चियों को सहारा दिया था। बच्चियों के अनाथ होने की खबर राजू के दोस्त अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा को लगी। ज्ञानेश बच्चियों के घर पहुंचे। ज्ञानेश ने बच्चियों के संबंध में अपने दोस्त हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव से बात की। राजू ने बच्चियों को मुंबई स्थित आवास बुलाया था।
खुशी और परी जब राजू से मिलने मुंबई स्थित आवास पहुंची, तब राजू से लिपट कर रोने लगी थीं। राजू ने बच्चियों के सिर पर हाथ रखकर उन्हे भरोसा दिलाया कि हम सब आप के साथ हैं। राजू ने बच्चियों की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया था। राजू मोबाइल फोन पर बात करके बच्चियों का हालचाल लिया करते थे।
खुशी और परी को जानकारी हुई कि राजू श्रीवास्तव ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। दोनों बच्चियां फूट-फूट कर रोने लगीं। खुशी का कहना है कि पहले मम्मी-पापा ने हमारा साथ छोड़ा दिया। अब राजू अंकल भी हमें छोड़कर चले गए। राजू अंकल हमें बहुत प्यार करते थे। फोन कर हमारी पढ़ाई और तबीयत के बारे में पूछते रहते थे।