तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि मंगलवार की रात आफत बनकर आई। फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ। शहरी इलाके में जलभराव की भी समस्या रही। पेड़ की डालियां टूटकर गिर पड़ीं। सड़कों पर जगह-जगह साइन बोर्ड व कैनोपी गिरे दिखे। लोहे की रेलिंग गिरने से दो पुलिस कर्मी घायल हो गए। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, इस सप्ताह मौसम ऐसे ही बना रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम बदल गया है। 21 मार्च की रात तेज हवा के साथ बारिश शुरू हुई, जो कुछ-कुछ अंतराल पर जारी रही। बारिश से लंका, नदेसर, गोदौलिया, कैंट, मलदहिया, लहरतारा, बीएचयू परिसर, लहुराबीर, पिपलानी कटरा, मैदागिन आदि जगहों पर जलभराव हो गया। सड़कों पर इतना पानी लग गया कि राह चलना मुश्किल हो गया।

बरेका वर्कशॉप, कालोनियों में घुसा बारिश का पानी

मंगलवार की रात बारिश इतनी तेज थी कि बरेका परिसर में जगह-जगह जलभराव हो गया। सबसे अधिक परेशानी तो तब हुई, पानी वर्कशॉप तक पहुंच गया। अचानक वर्कशॉप की छत से पानी गिरता देख कर्मचारी भी परेशान हो गए। कॉलोनियों में भी जलभराव की समस्या रही। कुछ घरों में भी बारिश का पानी पहुंच गया। बरेका पीआरओ राजेश कुमार का कहना है कि बारिश बहुत तेज थी। बरेका के पास जल निकासी की पूरी व्यवस्था है। कुछ ही देर में वर्कशॉप समेत सभी जगहों से पानी निकल गया।
बीमित किसान यहां करें फोन

बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर बंद होने की शिकायत के बाद मंगलवार को एक और अतिरिक्त हेल्प नंबर 7380727845 जारी किया गया।

गेहूं की फसल में लग जाएंगे काले धब्बे, कम हो जाएगा वजन

कृषि वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र रघुवंशी ने बताया कि यह बारिश सभी फसलों के लिए नुकसान देय है। गिर चुकी गेहूं की फसल में पानी लगने से दाने में काले धब्बे की संभावना रहेगी। उसका वजन भी कम हो जाएगा। दलहनी, तिलहनी के अलावा आम और सब्जियों को भी 25 प्रतिशत तक नुकसान होगा।

दरोगा का सिर फटा, पुलिस कर्मी चोटिल

हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि घरों की छतों और दुकानों पर रखे टिनशेड उड़ गए विश्वनाथ मंदिर परिसर और उसके बाहर सुरक्षा कर्मियों के लिए लगी कैनोपी तेज हवा से गिर गई। चौक के पास लगी लोहे की रेलिंग गिर पड़ी। इससे पुलिस कर्मियों को चोट आई है। दरोगा कमलेश यादव का सिर फट गया है। कांस्टेबल मनोज के पैर व सुरेश के सिर में चोट लरी है। सभी को मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा भेजा गया।

बारिश से चिंतित किसानों ने अधिकारियों को बताया दर्द

आधी फसल बर्बाद हो गयल साहब, अब ते 20 में से दसे क्विंटल गेहूं मिल पाई..। ऐसी शिकायतें मंगलवार को जिला प्रशासन की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबरों पर दिनभर आती रहीं। सबसे ज्यादा शिकायतें पिंडरा विकास खंड के किसानों की रहीं। तीन दिन के भीतर हुई तेज बारिश, आंधी से परेशान किसान अपना फसल बर्बाद होने को लेकर चिंतित हैं।

बीते 19 मार्च की रात हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि हुए नुकसान का अभी ठीक से आकलन भी पूरा नहीं हुआ कि मंगलवार को एक बार फिर तेज हवा के मूसलाधार बारिश और ओले गिरने से किसानों को दोबारा झटका लगा। किसानों की बची उम्मीद पर पानी फिर गया।

किसानों ने नुकसान की जानकारी जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से साझा की है। कंट्रोल रूम से संबंधित फोन नंबरों पर बताया है कि बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस बार लागत भी नहीं निकल पाएगी। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाएगा। चिरईगांव के चौबेपुर, छित्तमपुर, अजांव, धौरहरा, मुनारी, चंद्रावती सहित कई गांवों में ओलावृष्टि हुई है। इससे गेहूं व दलहनी फसलें चौपट हो गई हैं। पिंडरा के रमईपुर, समोगरा, मानापुर, चुप्पेपुर, असिला, रामपुर, बबीरछा, मलहथ में ओले के साथ बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मिर्जामुराद, सेवापुरी, रोहनिया सहित कई इलाकों में भी तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई।

69 हजार हेक्टेयर गेहूं की फसल प्रभावित

जिले में 19 मार्च और 21 मार्च को हुई बारिश और ओलावृष्टि से जिले में 69 हजार हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। इसमें कई बीघे गेहूं के खेत में पानी भरने की वजह से खड़ी फसल खेत में गिर गई। आकलन के लिए जिलाधिकारी की ओर से अधिकारियों का नंबर जारी किया गया है। जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने बताया कि मंगलवार को 35 किसानों ने फोन किया। सबसे ज्यादा शिकायतें पिंडरा तहसील के किसानों की रहीं। इनकी शिकायत दर्ज कर बीमा कंपनी और संबंधित उपजिलाधिकारी को भेजा गया है। जिन किसानों का फोन नहीं लग पा रहा है, वे विकास भवन स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में आकर फसल नुकसान की जानकारी दे सकते हैं।

बोले किसान

- तीन बीघे गेहूं की पूरी फसल गिर गई है। 15 दिनों में कटाई होनी थी। प्रति बीघे 20 क्विंटल पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन 10 क्विंटल ही मिल पाएगी। - सुनील कुमार गिरी, किसान, उधोपुर गांव, पिंडरा
- दस बीघा गेहूं की फसल तैयार थी। तेज हवा और बारिश से चार से पांच बीघा फसल गिर गई है।