भोपाल ।   शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने स्पष्ट किया है कि जब तक वे नई शराब नीति का प्रारूप नहीं देख लेती हूं, तब तक उसे लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने तय किया है कि वे सात नवंबर से 14 जनवरी 2023 तक भवन में निवास नहीं करेंगी। इस अवधि में वे जंगल या किसी अन्य स्थान पर झोंपड़ी बनाकर या टेंट लगाकर रहेंगी। इसकी शुरुआत वे अमरकंटक से करेंगी। भोपाल में मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने शराबबंदी को लेकर कहा कि गुजरात और बिहार का उदाहरण हमारे सामने है। नीतिश कुमार ने हिम्मत करके बिहार में शराब पर रोक लगाई। मध्य प्रदेश में ऐसा प्रयोग हो जाए तो अच्छा है और न हो पाए तो कम से कम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नशामुक्ति अभियान को लेकर जो बात कही है, वह हो जाए। जहां तक बात शराबबंदी से राजस्व के नुकसान की है तो हमें इसके दूसरे विकल्प ढूंढ़ने चाहिए।

शिवराज की प्रशंसा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं कभी नहीं भूलूंगी कि उन्होंने मेरे अभियान का इतना आदर किया। मैं पूरी तरह से शिवराज जी के साथ हूं। हम नशामुक्ति अभियान के परिणाम की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार नई आबकारी नीति का प्रारूप विधि विभाग से बनवाए ताकि उसमें कोई कमी न रहे। कल कोई कोर्ट जाए तो हम मजबूती से अपना पक्ष रख सकें। आज मप्र सड़क दुर्घटना में देश्ा में पहले नंबर पर है। महिला उत्पीड़न के मामले भी शायद हमारे यहां अन्य राज्यों से अधिक हैं। जब ये बात न्यायालय में रखेंगे तो वह हमारी बातों को सुनेगा। जब शराबबंदी को लेकर मैंने पार्टी नेताओं से चर्चा की थी तो मुझसे कहा गया था कि अभी यह कोई विषय नहीं है। ऐसे तो अयोध्या भी कोई मुद्दा नहीं था, जो बाद में हो गया। ऐसे ही इसे भी बना लीजिए।

भाजपा सरकार बनाने स्वयं को झोंक दूंगी

उमा ने कहा कि देश और प्रदेश में भाजपा सरकार फिर से बने, इसके लिए मैं स्वयं को झोंक दूंगी। इसके लिए प्रचार करूंगी। अभियान के बहाने सियासी जमीन तलाशने की बात पर उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने मुझे दो बार चुनाव लड़ने का अवसर दिया पर मैंने ही मना कर दिया। शराबबंदी के अभियान के लिए जीवन की आहुति देने के लिए भी तैयार हूं। अधिकारियों के रवैए को लेकर उन्होंने कहा कि कई बार नेता अपना निकम्मापन छिपाने के लिए अधिकारियों को आगे कर देते हैं। मेरा अनुभव है कि आप दृढ़ निश्चयी हैं तो अधिकारियों को आपकी बात माननी पड़ेगी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि कोई यात्रा निकाल रहा है तो हम उस पर हंस नहीं सकते हैं। मैं तो बस यही कहूंगी कि पूर्व में जो कर्म किए हैं उनका प्राश्चित करने वाली यात्रा भी हो जाए।