वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जल्द ही एक और बड़ा तोहफा मिलेगा। 2.24 करोड़ की लागत से वाराणसी में यूपी का पहला पशु शवदाह गृह तैयार किया जा रहा है। इस इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में हर दिन 10 से 12 मृत पशुओं का शवदाह होगा। खास बात ये भी है कि पशुओं के शवदाह के बाद बची राख से खाद बनेगी, इस खेती में इस्तेमाल किया जाएगा। वाराणसी के चिरईगांव ब्लॉक के जाल्हूपुर गांव में इसका निर्माण हो रहा है।
अक्टूबर महीने के अंत तक इसके निर्माण का काम भी पूरा होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी सौगात अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को दे सकतें हैं। बता दें कि अभी तक पशुओं की मौत के बाद आमतौर पर उनके शव को लोग खुले में सड़क किनारे या गंगा में प्रवाहित देते हैं। इस वजह से दुर्गंध के साथ प्रदूषण भी फैलता था, लेकिन इस इलेक्ट्रिक शवदाह गृह के निर्माण के बाद ऐसी तस्वीर नहीं देखने को मिलेगी।
जिला पंचायत विभाग के अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि इस इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह की क्षमता 400 किलो प्रति घंटा डिस्पोजल की है, जिसमें हर घंटे एक पशु का शवदाह हो सकता है। इसतरह पूरे दिन में देखा जाए, तब 10 से 12 पशुओं के शवदाह की क्षमता इस शवदाह गृह की होगी। वाराणसी में तैयार हो रहे शवदाह गृह में पहले बिजली से पशुओं का शवदाह किया जाएगा। इसके बाद में सोलर एनर्जी या नेचुरल गैस से भी शवदाह करने की योजना विभाग ने तैयार की है। वहीं, शवदाह के बाद बची राख से खाद बनेगी और इसका इस्‍तेमाल खेती में होगा।