उत्तरी सिक्किम में बादल फटने से ल्होनक झील और तिस्ता नदी में आई बाढ़ में सैकड़ों लोग लापता हैं। इनमें गोड्डा के दो मजदूर मंसूर अंसारी व अनारुल अंसारी भी शामिल हैं। वहीं जिले के 50 से अधिक मजदूर चारों तरफ फैले मलबे के चलते जहां-तहां फंसे हुए हैं।

दो महीने पहले कमाने खातिर गए थे सिक्किम

सभी मजदूर मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रानीडीह गांव के रहने वाले हैं। सिक्किम में फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश भेजकर जान-माल की रक्षा की गुहार लगाई है।

स्वजनों ने बताया कि दो माह पहले यहां से 50-60 मजदूर सड़क निर्माण कंपनी में काम करने सिक्किम गए थे।

स्वजनों के अनुसार, मंगलवार को वहां बादल फटने से आई बाढ़ में आधी रात को दोनों मजदूर घर के साथ बह गए। उनके सहकर्मियों ने गुरुवार को उनके परिवार वालों को इसकी जानकारी दी।

दोनों श्रमिक वहां ग्रिप्स नाम की रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी में मजूदरी करते हैं। इधर, श्रमिकों के स्वजनों ने लापता दोनों मजूदरों की मदद के लिए शासन-प्रशाासन से गुहार लगाई है। घर के कमाने वाले सदस्यों के साथ अनहोनी की आशंका से दोनों के परिवार वालों की हालत दयनीय है।

घरवाले सुरक्षित वापसी का कर रहे इंतजार

बताया गया कि मंसूर अंसारी अपनी पत्नी और चार बच्चों को गांव में छोड़कर सिक्किम कमाने गया है। वहीं, अनारुल अंसारी की पत्नी और तीन बच्चे उसकी सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे हैं।

बाढ़ में लापता श्रमिकों की उम्र 30-35 वर्ष बताई गई है। सिक्किम त्रासदी में फंसे मजदूरों का संदेश मिलने के बाद रानीडीह गांव के लोग सदमे में हैं।