भोपाल ।    मध्यप्रदेश में सहित पांच राज्यों में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोगने कर दिया है। इसके साथ ही इन राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गईा है। लिहाजा इन राज्यों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री न तो कोई घोषणा कर पाएंगे और न ही शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन के कार्यक्रम होंगे। आचार संहिता के लागू होने पर क्या हो सकता है और क्या नहीं, इसे आपको विस्तार से बताते हैं।

क्यों लागू होती है आचार संहिता?

स्वतंत्र और निष्पक्ष इलेक्शन कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा नियम बनाए जाते हैं और इन्‍हीं नियमों को आचार संहिता कहा जाता है। चुनाव के दौरान इन नियमों का सरकार, नेता और राजनीतिक दलों को पालन करना होता है।

कब से लागू होती है आचार संहिता?

चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद से ही आचार संहिता लागू लागू हो जाती है और इलेक्शन प्रक्रिया के खत्म होने तक लागू रहती है।

संविधान में कहां है प्रावधान?

भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग सत्तारूढ़ दलों और उम्मीदवारों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित करता है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि चुनाव के दौरान सरकारी तंत्र का दुरुपयोग न हो।

आचार संहिता के मुख्य नियम?

सरकारी राशि का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं किया जाता।

सरकारी विमान या सरकारी बंगले का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।

सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास पर रोक लग जाती है।

कोई भी नेता चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकता।

विमान, वाहनों इत्‍यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन किसी दल या अभ्‍यर्थी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा।

चुनाव प्रक्रिया से प्रत्‍यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों के ट्रांसफर रोक रहती है।

यदि किसी अधिकारी का ट्रांसफर जरूरी हो तो इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेना अनिवार्य है।

मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को चुनाव प्रचार कार्य में शामिल नहीं कर सकेंगे और न चुनाव प्रचार कार्य में सरकारी तंत्र का प्रयोग करेंगे।

किसी भी सरकारी वाहन का उपयोग किसी भी दल के उम्‍मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए उपयोग नहीं होगा

कोई भी केन्‍द्र या राज्‍य सरकार का मंत्री आधिकारिक चर्चा के लिए निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारी को नहीं बुला सकेगा।

किसी भी मंत्री को चुनाव के दौरान निजी या आधिकारिक दौरे पर पायलट कार या किसी रंग की बीकन लाइट के उपयोग की अनुमति नहीं होगी।

चुनाव के दौरान योजना के तहत निधि विधायक सांसद  फंड से जारी नहीं होगी।