आईआईटी आईएसएम धनबाद में वेजिटेरियन और नाॅन वेजिटेरियन छात्रों को अलग-अलग न बिठाने को लेकर विवाद शुरू हो गया। वेजिटेरियन छात्र हाॅस्टल के मेस में अपने लिए अलग खाना खाने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं है।

वेजिटेरियन छात्रों की मांग को छात्रों की मेस कमेटी भी समर्थन दे रही है। इस मामले में अब छात्रों की मेस कमेटी और प्रबंधन आमने-सामने है।

यह मामला आईआईटी आईएसएम के एमटेक और रिसर्च के हाॅस्टल सफायर का है। इस हाॅस्टल में रहने वाले करीब 800 विद्यार्थियों में से 30 प्रतिशत वेजिटेरियन हैं। इस हाॅस्टल में दो डाइनिंग हाॅल है।

आठ अक्टूबर से पहले तक वेजिटेरियन और नान वेजिटेरियन छात्र एक साथ बैठकर डाइनिंग हाॅल में खाना खाते थे।

मलाई कोफ्ता में मिलाई गई अंडा करी की ग्रेवी

वेजिटेरियन छात्रों का आरोप है कि उसी दिन उनके एक साथी को मलाई कोफ्ता में अंडा करी की ग्रेवी मिलाकर मेस स्टाफ ने खाना परोसा था।

इस सब्जी से अंडा की बू आने के बाद छात्र ने मेस कमेटी के सामने आपत्ति दर्ज कराई। देखते ही देखते छात्र के समर्थन में सभी वेजिटेरियन छात्र एकजुट हो गए।

वेजिटेरियन छात्रों के विरोध को देखते हुए विद्यार्थियों की मेस कमेटी वेजिटेरियन और नाॅन वेजिटेरियन छात्रों के भोजन की व्यवस्था अलग-अलग डाइनिंग हाॅल में करने की सिफारिश हाॅस्टल वार्डन से की, लेकिन वार्डन इसके लिए तैयार नहीं हुए।

मेस कमेटी और वॉर्डन में बढ़ा विवाद

इसको लेकर मेस कमेटी और वाॅर्डन के बीच विवाद बढ़ गया है। वाॅर्डन के विरोध के बाद भी मेस कमेटी ने बुधवार को हाॅस्टल के वेजिटेरियन और नाॅन वेजिटेरियन छात्रों के खाने की व्यवस्था अलग-अलग डाइनिंग हाॅल में की थी।

बढ़ते विवाद को देखते हुए आईएसएम प्रबंधन ने मेस कमेटी को निलंबित कर दिया है। यहां बता दें कि आईआईटी मुंबई और आईआईटी हैदराबाद में भी इस तरह का विवाद हो चुका है।