रिम्स में न्यूरोसर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने करीब नौ घंटे जटिल सर्जरी कर एक 17 वर्षीया लड़की के सिर से करीब तीन किलो का ट्यूमर निकाल लड़की को बेहतर जीवन दिया है। चाईबासा निवासी इस लड़की को जन्म से ही सिर और गर्दन के पीछे के एक बड़ा ट्यूमर था, जिसकी वजह से सिर व गर्दन हिलाने में काफी परेशानी होती थी। इसे मेडिकल की भाषा में प्लेक्सीफार्म न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस कहते हैं।

जोखिम भरा था ऑपरेशन

परिजनों ने कई अस्पतालों में इलाज के लिए भाग-दौड़ की, लेकिन सर्जरी की जटिलता को देखते हुए सभी ने इलाज करने से मना कर दिया। अंतत: लड़की को रिम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग में डॉ सीबी सहाय की यूनिट में भर्ती कराया गया।

न्यूरोसर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी की टीम ने कई घंटों तक चले इस जटिल सर्जरी के द्वारा ट्यूमर को हटाया। यह ट्यूमर काफी बड़ा था और रक्तस्राव वाला ट्यूमर होने की वजह से टीम को आपरेशन करने में काफी जटिलता का सामना करना पड़ा।

मरीज की स्थिति अभी बेहतर है और स्वस्थ होने पर जल्द छुट्टी दे दी जाएगी। डा. सहाय ने बताया कि यह काफी जटिल सर्जरी थी, जिसके लिए प्रोपर प्लानिंग की गई और मरीज की हर जांच करने के बाद सर्जरी शुरू की गई और सफलता मिली।

स्वजनों ने कही ये बात

ट्यूमर के साथ कहीं जाना बुरा लगता था सर्जरी के बाद मरीज के स्वजनों ने कहा कि ट्यूमर इतना बड़ा था कि देखने में ही खराब लगता था। कहीं भी जाने से लोग कई तरह की बात करते थे, जिससे लज्जित भी होना पड़ता था। लेकिन रिम्स में आने के बाद एक उम्मीद जगी और डाक्टरों के परिश्रम के बाद सर्जरी सफल रही है और अब ट्यूमर भी गायब हो गया है।

इस सर्जरी में न्यूरोसर्जरी विभाग से डा. सीबी सहाय, प्लास्टिक सर्जरी विभाग से डा. विक्रांत, निश्चेतना विभाग से डा. सौरभ के अलावा डा. राजीव, डा. दीपक, डा. विकास, डा. रवि, डा. संजीव, डा. प्रतिभा, डा. मोनिका, डा. अमृता, डा. सचिन, डा. सुरभि और डा. नरेश शामिल थे।