मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है ‎कि उसने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बाद अब पात्र विदेशी निवेशकों को भी सॉवरेन ग्रीन बांड (एसजीआरबी) में निवेश करने की अनुमति प्रदान कर दी है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक छात्रावास नीति की घोषणा करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में की गई एक घोषणा के आधार पर केंद्र सरकार ने जनवरी 2023 में एसजीआरबी जारी किए। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी उधारी कैलेंडर के हिस्से के रूप में एसजीआरबी भी जारी किए गए थे। वर्तमान में सेबी में पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए उपलब्ध अलग-अलग रूट के तहत एसजीआरबी में निवेश करने की अनुमति है। एसजीआरबी में व्यापक प्रवासियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में पात्र विदेशी निवेशकों को भी ऐसे बांड में निवेश करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। सरकार और आईएफएससी प्राधिकरण के परामर्श से आईएफएससी में पात्र विदेशी निवेशकों द्वारा एसजीआरबी में निवेश और व्यापार के लिए एक योजना अलग से अधिसूचित की जा रही है।