चंडीगढ़। (Haryana Politics Hindi News) पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। लगातार पांच साल तक उन्होंने ही राज्य का बजट बनाया और विधानसभा में पेश किया। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बजट आवंटन से लेकर, उसकी व्यवस्था करने तक, पूरा हिसाब-किताब मनोहर लाल की अंगुलियों पर रहता था।

एक लाख रुपये देने के वादे का पूर्व सीएम ने किया पोस्टमार्टम

अधिकारी योजनाएं बनाकर लाते और उसके बजट का प्रस्ताव रखते, लेकिन मनोहर लाल (Manohar Lal) के गुणा-भाग में ऐसे उलझ जाते कि उन्हें दोबारा प्रस्ताव बनाने पड़ते थे। मनोहर लाल अपने इस कौशल का लोकसभा चुनाव में भी बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। करनाल समेत विभिन्न संसदीय क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार के दौरान मनोहर लाल ने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र के उस वादे का जबरदस्त तरीके से पोस्टमार्टम किया है।

मनोहर बोले कांग्रेस का हिसाब-किताब काफी कमजोर

जिसमें कहा गया है कि देश की प्रत्येक गरीब महिला को एक लाख रुपये उनके खातों में दिए जाएंगे। मनोहर लाल ने हिसाब जोड़ते हुए बताया, कांग्रेस (Haryana Congress) वालों का हिसाब-किताब काफी कमजोर है। इनके यहां सब कुछ अंधा खाता यानी बिना हिसाब-किताब के ही चलता रहा है। इसलिए इस बार के चुनाव में बिना हिसाब लगाए एक लाख रुपये महिलाओं को देने का प्रलोभन दे रहे हैं।

देश का वार्षिक बजट ही 46 लाख करोड़ का-मनोहर लाल

मनोहर लाल के अनुसार, देश की गरीब महिलाओं को यदि एक लाख रुपये सालाना दिए गए तो बजट में 80 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। देश का वार्षिक बजट ही 46 लाख करोड़ का है। फिर कर्मचारियों के वेतन, जनता की सुविधाएं, बिजली, पानी, सड़क, रेलवे व परिवहन की सुविधाएं अलग से हैं।

कांग्रेस 80 लाख करोड़ रुपये बांटने की कर रही बात-भाजपा नेता

कांग्रेस इस बात का न तो हिसाब लगा सकी और न ही देश की जनता को जवाब दे सकी 46 लाख करोड़ रुपये के बजट में 80 लाख करोड़ रुपये अकेले गरीब महिलाओं को देने का पैसा कहां से आएगा। पूर्व मुख्यमंत्री अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने महिलाओं को स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर बनाने की योजना दी है।

देश भर में ड्रोन दीदी तैयार की। ड्रोन दीदी अपनी मेहनत और स्वाभिमान से कमाई करेंगी और लखपति दीदी बन जाएंगी। मनोहर लाल कुछ लोगों द्वारा चुनाव में प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों के विरोध को भी सही नहीं मानते, भले ही वह कांग्रेस का हो या फिर भाजपा (Haryana BJP) अथवा किसी दूसरे दल का।