नई दिल्ली । केंद्र सरकार अयोध्या में भीड़भाड़ कम करने और क्षेत्र के कई जिलों में आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी की सुविधा के लिए करीब 68 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड बाईपास परियोजना के विकास पर तेजी से आगे बढ़ रही है। बयान में कहा गया है कि पीएम गतिशक्ति पहल के तहत राष्ट्रीय योजना समूह की हुई बैठक में अयोध्या बाईपास परियोजना को एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना के रूप में माना गया है। 67.57 किलोमीटर की परियोजना में 4/6 लेन वाले 35.40 किलोमीटर लंबाई वाले उत्तरी अयोध्या बाईपास का निर्माण और 32.17 किलोमीटर लंबे दक्षिणी अयोध्या बाईपास का निर्माण शामिल है। बयान में कहा गया है कि पीएम गतिशक्ति पहल के तहत राष्ट्रीय योजना समूह की हुई बैठक में अयोध्या बाईपास परियोजना को एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना के रूप में माना गया है। 67.57 किलोमीटर की परियोजना में 4/6 लेन वाले 35.40 किलोमीटर लंबाई वाले उत्तरी अयोध्या बाईपास का निर्माण और 32.17 किलोमीटर लंबे दक्षिणी अयोध्या बाईपास का निर्माण शामिल है। यह परियोजना लखनऊ, बस्ती और गोंडा जैसे जिलों को कवर करेगी। यह परियोजना इन तीन जिलों में पर्यटक और तीर्थ स्थलों सहित आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक नोड्स की कनेक्टिविटी में सुधार की सुविधा प्रदान करेगी। अयोध्या दो आर्थिक केंद्रों लखनऊ और गोरखपुर के बीच स्थित है और प्रमुख वस्तुएं जैसे चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, निर्माण सामग्री, लोहा और इस्पात आदि इस शहर से होकर गुजरती हैं। बयान में कहा गया है कि इस बाईपास के निर्माण से शहर में भीड़भाड़ कम होगी, क्योंकि ये सामग्री शहर में आने की बजाय बाईपास निर्बाध रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगी। इस बाईपास के निर्माण से लोगों और सामान के आवागमन में बेहद आसानी होगी और समय भी काफी कम लगेगा।यह परियोजना रेलवे स्टेशन (अयोध्या रेलवे स्टेशन, सोहवाल रेलवे स्टेशन, एएन देव नगर रेलवे स्टेशन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन) और अयोध्या हवाई अड्डे पर जैसे एकीकृत बुनियादी ढांचे के साथ मल्टी-मॉडलिटी को बढ़ाएगी।