साइबर थाना पुलिस ने खाते में डॉलर भेजने का झांसा देकर 10.35 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में केस दर्ज किया है। आरोपितों ने अपने खाते में पैसे आरटीजीएस करवा लिए। गांव किशनगढ़ निवासी बलविंद्र सिंह ने पुलिस अधीक्षक को दी शिकायत में बताया कि पंजाब के लुधियाना के गांव खंजरवाल निवासी मनविंद्र सिंह ने उसके साथ धोखाधड़ी की है।

शिकायत में उसने बताया कि उसके पास एक कॉल आई थी कि उसने उसके खाते में 31 हजार डालर डाले हैं। जिनके 18.91 लाख रुपये बनते हैं। जिनके बदले में आपने आरटीजीएस करानी है। मनविंद्र सिंह धालीवाल को उसने 10.35 लाख रुपये आरटीजीएस किए थे। उसने 30 जनवरी को 3.50 लाख रुपये व 31 जनवरी को तीन लाख रुपये व एक फरवरी को दो लाख रुपये और दो फरवरी को 1.85 लाख रुपये आरटीजीएस किए थे।

इसके बाद, उसने आरोपित के खाते में कुछ 10.35 लाख रुपये आरटीजीएस की थी। आरोपितों ने आरटीजीएस के बहाने धोखाधड़ी की है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपितों का ठग गिरोह बना हुआ है, जो लोगों को फोन कॉल के जरिए ठगते हैं। साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच साइबर थाना पुलिस प्रभारी राजीव शर्मा को सौंपी है।

पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भोरिया का कहना है कि पैसे के लालच में किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन न करें। इससे आपकी मेहनत की कमाई को साइबर अपराधी ठग सकते हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि वे लाटरी या अन्य किसी प्रकार के प्रलोभन में न फंसे। साइबर अपराधी अपने मित्र, रिश्तेदार व बैंक अधिकारी बन कर लोगों को ठग रहे हैं। अपनी बैंक खाते संबंधित जानकारी किसी के साथ झांसा न करें। ऐसा करने पर ठगी के शिकार हो सकत हैं। ठगी के शिकार होने पर तुरंत इसकी सूचना साइबर क्राइम पोर्टल व संबंधित थाने में दें।