नई दिल्ली । संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर के मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जोरदार हंगामा हो रहा है। बुधवार को भी राज्यसभा में कुछ ऐसा ही नजारा था। विपक्ष के धोखेबाज कहने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भड़क गईं। केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने विपक्ष पर ताबड़तोड़ हमला किया। इसी बीच, सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी खुद के अपमान का मुद्दा उठाया।
खरगे ने निर्मला के आरोप पर कहा कि इसकारण मैं ये सोचकर उठा था कि मुझे मौका मिलेगा बात करने के लिए। मैं पूरे अपने मामलों को सदन के सामने रख रहा था, जब 50 लोग 267 पर बहस के लिए तैयार थे, उसपर सहमति थी लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं मिला। जब मैं बोल रहा हूं और अचानक मेरा माइक बंद करना, ये मेरा प्रिवलेज है, आपने प्रिवलेज को धमकाया, मेरा अपमान हुआ है। अगर सरकार के इशारे पर अगर सदन चला तब मैं समझूंगा कि लोकतंत्र नहीं है। हालांकि खरगे के ये बोलने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।
खरगे ने कहा कि मुझे कल यहां बोलने की इजाजत मिली, आपकी वजह से मुझे बात करने का मौका मिला। आप हमेशा कहते हैं कि आप तीन लोगों की बहुत इज्जत करते हैं, एक-प्रधानमंत्री, दूसरा- विपक्ष के नेता और तीसरा-सदन के नेता का। इसपर धनखड़ ने कहा कि जब मैं इस आसन पर बैठता हूं तब मेरे लिए सब समान होता है। हालांकि, इसके कुछ देर बाद ही सदन में हंगामा शुरू हो गया।