भोपाल । शक्ति की साधना और आराधना के पर्व चैत्र नवरात्र का शुभारंभ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर 9 अप्रैल को होगा। पहले दिन मंदिरों व घरों में घट स्थापना के साथ अखंड ज्योतियां प्रज्जवलित की जाएंगी। अनेक मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रारंभ होगा। इसकी शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि अमृत सिद्धि और वैधृति जैसे शुभ योग में होगी। लोग 9 दिन के व्रत रखेंगे। पुल पुख्ता स्थित काली मंदिर में भी जैसा वार होगा वैसा माता का पुष्पों आदि से शृंगार किया जाएगा।
ज्योतिषी विमलेश विजयवर्गीय ने बताया कि इस बार चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन रेवती नक्षत्र, अश्विनी नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेंगे। रेवती नक्षत्र सुबह 8:29 तक रहेगा और इसके बाद अश्विनी नक्षत्र की शुरुआत हो जाएगी। इसी तरह सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग सुबह 8:30 से रात 12:30 तक रहेंगे। सूर्योदय से वैधृति योग दोपहर 2:17 तक रहेगा। पुल पुख्ता स्थित काली मंदिर के व्यवस्थापक रजनीश ने बताया कि नौ दिन तक मंदिर में विशेष सजावट की जाएगी। जिस दिन जो वार होगा, उस दिन उस वार के रंग के पुष्पों व वस्त्रों आदि से माता का शृंगार व उनके दरबार की सजावट होगी। सोमवार को नीले, मंगल को लाल, बुध को हरे, गुरुवार को पीले रंग की सामग्री से शृंगार किया जाएगा। इसी तरह अशोका गार्डन के दुर्गाधाम मंदिर में भी रोज 51 अखंड ज्योत जगमग रहेंगी। कोटरा आयकर कालोनी स्थित मां बगलामुखी मंदिर कोटरा में रोज सुबह शाम हवन होगा। नौ दिन तक
मां के इन नौ स्वरूपों की होगी उपासना
इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। प्रथम दिन से क्रमश: मां शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी।