भोपाल । गन्ना किसानों को अगले शकर सीजन में अपनी उपज का अधिक मूल्य मिल सकता है। अक्टूबर से नया शकर वर्ष शुरू होगा। द कमीशन फार एग्रीकल्चर कास्ट्स एंड प्राइज (सीएसीपी) ने सिफारिश की है कि गन्ना किसानों के लिए एफआरपी बढ़ाई जाए। सीएसीपी ने गन्ना की एफआरपी को 305 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 315 रुपये करने की सिफारिश की है। 2023-2024 में गन्ने से दस प्रतिशत शकर रिकवरी की दर को इसका आधार बनाया गया है।
कमीशन द्वारा की गई सिफारिश इसी महीने होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखी जाएगी। जहां कैबिनेट को इस पर निर्णय लेना है। 2024 में आम चुनाव होना है। ऐसे में सरकार गन्ना किसानों का ध्यान रखना चाहेगी। दो बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है और गन्ना किसान चुनाव परिणामों पर असर डाल सकते हैं। इसी तरह सरकार अपनी नीति के तहत अगले वर्ष से इथेनाल ब्लेंडिंग का लक्ष्य भाी 15 प्रतिशत तक ले जाना चाहती है। ऐसे में सरकार किसी भी स्थिति में गन्ने का रकबा घटने देना नहीं चाहेगी।
इस शकर वर्ष में शकर का उत्पादन 35.76 मिलियन टन से घटकर 32.8 मिलियन टन रह गया है। दो दिन पहले शकर मिल और उत्पादकों के संगठन ने भी शकर की मिनिमन सेलिंग प्राइज एमएसपी बढ़ाने की मांग की थी। ऐसे में सरकार सकारात्मक निर्णय ले सकती है। हालांकि, चुनावी वर्ष में महंगाई नियंत्रित करने की कोशिश भी है। लिहाजा सरकार घरेलू उपयोग के लिए मासिक कोटे के जरिए स्थानीय बाजारों में दाम नियंत्रण की कोशिश करेगी। यदि गन्ना किसानों के लिए एफआरपी बढ़ी तो शकर की एमएसपी भी बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में शकर बाजार में फिलहाल मंदी की गुंजाइश नहीं दिख रही है।