नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर में चुनाव के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट हो गया है। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में विपक्षी पार्टियों ने फैसला किया कि जल्द पार्टियों का डेलीगेशन श्रीनगर जाएगा। विपक्ष के नेताओं ने आज चुनाव आयुक्त से मुलाकात भी की। 
अलग-अलग विचारधारा वाले कई राजनीतिक दल आपस में मिले और सरकार से सवाल किया कि आख़िर जब जम्मू कश्मीर में सब कुछ ठीक है तो सरकार चुनाव क्यों नहीं करवा रही है?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, एनसीपी के नेता शरद पवार और सीपीआई के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि, जल्द चुनाव होने चाहिए। इस साल मई में एक ऑल पार्टी डेलीगेशन श्रीनगर जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव होने चाहिए और स्टेटहुड भी वापस मिलना चाहिए। 
गृह मंत्रालय इस साल कई बार संसद में बता चुका है कि 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर में हालात लगातार बेहतर होते जा रहे हैं। सन 2020 में जहां 37 आम नागरिक और 62 सुरक्षा कर्मी मारे गए थे, वहीं 2021 में 41 नागरिक और 42 सुरक्षा कर्मी मारे गए। साल 2022 में 30 आम नागरिक और 31 सुरक्षा जवान मारे गए। इस साल जनवरी तक सात आम नागरिक मारे गए।
आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा कि, दिल्ली का दरबार बड़ी-बड़ी बातें करता है। ब्यूरोक्रेसी से सब तंग हैं। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, लोकतंत्र बहाली होनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर में आखिरी चुनाव 2014 में हुआ था। इसके बाद नौ साल बीत गए। आर्टिकल 370 को हटे हुए भी चार साल बीते जा रहे हैं। अब सब चाहते हैं कि केंद्र सरकार जल्द स्टेटहुड बहाल करे और चुनाव करवाए ताकि नौकरशाही से चलाई जा रही सरकार से वहां के अवाम को निजात मिल सके।