नई दिल्‍ली। कांग्रेस की पंजाब इकाई ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने, मणिपुर में जातीय हिंसा के खिलाफ रविवार को यहां 'मौन सत्याग्रह' किया। यहां गिल रोड स्थित अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वालों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, विधायक अरुणा चौधरी और पूर्व विधायक नवजोत सिंह सिद्धू तथा भारत भूषण आशु शामिल थे।

प्रदर्शन करने वाले नेता और कार्यकर्ता अपनी बांहों और माथे पर काली पट्टी लगाए हुए थे। उनमें से कई ने ''लोकतंत्र बचाओ'', ''राहुल गांधी डरो मत'' और ''भाजपा हटाओ देश बचाओ'' लिखी तख्तियां भी ले रखी थीं। वड़िंग ने कहा, ''आज हमसे जुड़ने वाले प्रत्येक कार्यकर्ता, नेता और समर्थक ने राहुल गांधी को अयोग्य करार देने की पक्षपातपूर्ण और निरंकुश प्रकृति का विरोध किया है। भारत जोड़ो यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि राहुल गांधी सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि देश में शांति की उम्मीद रखने वाले और जननेता हैं।''

उन्होंने कहा, ''चाहे सत्ता में बैठे तानाशाह उनकी आवाज को दबाने की कितनी भी कोशिश कर लें, हम जानते हैं कि कोई भी ताकत उन्हें या कांग्रेस पार्टी को चुप नहीं करा सकती।'' नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए वड़िंग ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को बेनकाब करने वालों को चुप कराने की एक ''गहरी साजिश'' है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार के अन्याय के हर कृत्य से लड़ना जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ''हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हमें यकीन है कि सच्चाई की जीत होगी।'' प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि गांधी परिवार ने हमेशा देशवासियों के अधिकारों और संविधान की रक्षा के लिए आवाज उठाई है। वड़िंग ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा सत्ता के "दुरुपयोग" के बारे में मुखर रहे हैं और उन्होंने सदन में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, नोटबंदी और महंगाई के खिलाफ साहसपूर्वक बात की, जिसने आम आदमी पर बोझ डाला है। वड़िंग ने मणिपुर के हालात से निपटने के तरीके को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा।

धरना के इतर चन्नी ने कहा, ''हम अपने वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मजबूती से खड़े हैं और भाजपा नीत सरकार को उन्हें डराने-धमकाने नहीं देंगे।'' पूर्व विधायक नवजोत सिद्धू ने ट्वीट किया, ''एक नेता की पहचान उसके पद से नहीं होती, उसके चरित्र, विश्वसनीयता और नेक रास्ते से ही एक नेता की पहचान होती है। राहुल गांधी भारत के संविधान की भावना के ध्वजवाहक हैं...हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने के साथ धर्मनिरपेक्षता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।'' गांधी को 24 मार्च को उस समय संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था और 'मोदी उपनाम' वाली टिप्पणियों के लिए आपराधिक मानहानि के आरोप में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। गांधी ने हाल में उच्च न्यायालय के सात जुलाई के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया, जिसने मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।