सनातन धर्म में कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य करने से पहले भगवान गणेश की विधि विधानपूर्वक पूजा आराधना करने का विधान है. हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक महीने चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है. ऐसे में मई के महीने में संकष्टी चतुर्थी का पर्व इस महीने 26 मई को मनाया जाएगा. इस दिन एकदंत भगवान श्री गणेश की विधि विधानपूर्वक पूजा आराधना करने से सभी तरह के विघ्न बाधा दूर हो जाते हैं. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं क्या है संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और इस दौरान आपको क्या कुछ करना चाहिए.

अयोध्या की ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि साल के 12 माह प्रत्येक महीने संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस माह चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 26 मई दोपहर 4:36 पर शुरू होगा और इसका समापन 27 मई को दोपहर 3:30 पर होगा. ऐसे में इस वर्ष एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई दिन रविवार को रखा जाएगा.

संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद मंदिर की साफ सफाई करनी चाहिए. भगवान गणेश की पूजा आराधना करने के लिए धूप और दीप जलाना चाहिए. उसके बाद फल फूल अर्पित करना चाहिए. भगवान गणेश को मोदक के लड्डू अथवा मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. उसके बाद भगवान गणेश की आरती करनी चाहिए.

इन मंत्रों का करें जाप 
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः।।
ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।