दुमका। लगभग पांच दशकों से बिहार-झारखंड की राजनीति में धमक रखने वाले और 1980 से अब तक आठ बार दुमका से सांसद रहने से लेकर राज्यसभा सदस्य, केंद्रीय मंत्री व झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर रह चुके शिबू सोरेन पहली बार चुनावी मैदान में नहीं हैं। दुमका से इस बार झामुमो से नलिन सोरेन तो भाजपा से सीता सोरेन मैदान में हैं।

दुमका के खिजुरिया में स्थित झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवासीय परिसर में खड़ी उनकी सुगनिया जीप क्लासिक को भी उनके आने का इंतजार है। दरअसल, यह वही क्लासिक जीप है, जिस पर सवार होकर शिबू सोरेन पहली बार वर्ष 1980 में दुमका लोकसभा सीट से जीतने में कामयाब हुए थे।

चुनाव जीतने के बाद दिल्ली जाने के लिए भी वह खुद ड्राइव कर मधुपुर रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुए थे, लेकिन रास्ते में झपकी आने की वजह से बाद में उनके सहयोगी पूर्व सांसद सूरज मंडल मधुपुर तक जीप चलाकर ले गए थे। इसके बाद वह दिल्ली वाली ट्रेन पर सवार होकर पहली बार संसद पहुंचे थे।

धक्का मार कर स्टार्ट करते फिर उछल कर बैठते थे साथी

पुराने दिनों को याद करते हुए झामुमो के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह कहते हैं कि खिजुरिया आवास पर खड़ी जीप की सवारी करके गुरुजी फर्श से अर्श तक पहुंचे हैं। शिबू सोरेन ने इस जीप को सेकेंड हैंड खरीदा था। इस जीप की सवारी तब बहुत सहज नहीं थी। इसे स्टार्ट करने के लिए पहले सब मिलकर धक्का मारते थे और फिर जब यह स्टार्ट होती थी, तब सभी उछलकर कर इस पर सवार होते थे।

उस दौर में पेट्रोल पंप भी इक्का-दुक्का ही थे। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्लास्टिक के जार में गुरुजी डीजल भी जीप में साथ रखते थे। एक बार इस जीप की बैटरी शिकारीपाड़ा जाने के क्रम में रास्ते में गिर गई थी। बैटरी गिरने की जानकारी बहुत आगे जाने के बाद हुई थी, तब फिर वापस लौटकर बैटरी उठाई गई।

विजय कहते हैं कि इस जीप को आज भी गुरुजी के आवास पर काफी सहेज कर रखा गया है। शारीरिक तौर पर अस्वस्थ होने से पूर्व तक गुरुजी जब भी दुमका आते थे तो अपने लोगों से इसकी वर्तमान कंडीशन की जानकारी लेना नहीं भूलते थे। वह हमेशा इस जीप की साफ-सफाई व मरम्मत करवाते थे। अब गुरुजी अस्वस्थ हैं और इस बार चुनावी दंगल में उनकी प्रत्यक्ष मौजूदगी की कमी अखर रही है। सगुनिया जीप को भी उनका इंतजार है।

पहले राजदूत थी सवारी, बाद में चास से लेकर आए जीप

दुमका के टीन बाजार में रहने वाले झामुमो के पुराने कार्यकर्ता रहे अनूप कुमार सिन्हा कहते हैं कि 80 के दशक में गुरुजी सेकेंड हैंड जीप चास से लेकर आए थे। इस जीप का चालक बन्नू हुआ करता था। खुद गुरुजी भी काफी तेज गति से इसे चलाते और गांव-गांव में घूमकर ग्रामीणों से संपर्क करते थे। पहले गुरुजी राजदूत मोटरसाइकिल से जामताड़ा तक आना-जाना करते थे। जब सांसद बन गए तो एक एंबेसडर कार से सफर करते थे।

इस बार का मुकाबला खास

बहरहाल, दुमका लोकसभा सीट के लिए इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग होगा। शिबू सोरेन जहां स्वास्थ्य कारणों से चुनावी मैदान में नहीं हैं। वहीं, झामुमो के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गैरमौजूदगी भी झामुमो के लिए अखरने वाली है।

हेमंत फिलहाल कानून के शिकंजे में कैद हैं। उधर शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भाजपा के टिकट पर दुमका सीट से ही चुनाव लड़ रही हैं। यह पहली बार है जब सोरेन परिवार का कोई सदस्य झामुमो के ही विरुद्ध ताल ठोंककर खड़ा है।