गिरिडीह। शहर के दुखिया महादेव मंदिर में अमूमन जलाभिषेक और शादी की शहनाई बजती रहती है, लेकिन सोमवार को मंदिर परिसर में अलग ही माहौल था। यहां एक जोड़े की शादी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ था। आखिर, हो भी क्यों नहीं, सेहरा बांधकर आए दूल्हे के हाथों में हथकड़ी जो लगी थी। पुलिस अधिकारी और जवान साथ थे। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। हवाला दिया गया कोर्ट के आदेश का।

आरोपित बंदी ने पीड़िता के साथ लिए सात फेरे

पता चला कि कोर्ट के आदेश पर लड़का पैरोल पर सुरक्षा के बीच मंदिर पहुंचा था। उस पर दुष्कर्म का आरोप था। उसी लड़की के साथ उसने सात फेरे लिए। दरअसल, इस शादी की पटकथा पहले प्यार फिर धोखे से घिरी रही। अंतत: जेल में बंद आरोपित ने पीड़िता के साथ शादी कर ली। न्यायालय के आदेश पर आरोपित बंदी ने हथकड़ी लगाए पीड़िता के साथ सात फेरे लिए।

शादी में किया गया था भोज का इंतजाम

न्यायालय के आदेश पर आरोपित को सुबह 10 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच अजीडीह स्थित बाबा दुखहरण नाथ मंदिर लाया गया। पीड़िता के परिवार वालों के साथ आरोपित के परिवार के लोग शादी की तैयारी किए थे। मंदिर के पुजारी ने दोनों की शादी कराई। इस शादी के लिए न्यायालय से चार घंटे का विशेष पैरोल दिया गया था। शादी के बाद मंदिर परिसर में रस्म अदायगी के साथ खान-पान की भी व्यवस्था की गई थी। आरोपित बंदी को दोपहर वापस सेंट्रल जेल लाया गया और नवब्याहता को ससुराल विदा किया गया।

लॉकडाउन के समय दोनों की हुई थी पहचान

बता दें कि यह मामला जमुआ थाना क्षेत्र के बदडीहा का है। पीड़िता ने प्राथमिकी में कहा था कि 2020 में लाॅकडाउन के दौरान उसे गावां थाना क्षेत्र के युवक से मोबाइल पर जान पहचान हुई थी। फिर दोनों मिलने लगे। युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद शादी से इन्कार कर दिया था। इस मामले में आरोपित युवक और पीड़िता के घरवालों में आपस में बात कर दोनों की शादी कराने की बात कही। जेल में बंद आरोपित और पीड़िता शादी के लिए सहमत हुए। दोनों पक्षों के घरवाले न्यायालय में आकर आवेदन किया और शादी कराने के लिए न्यायालय से आदेश की मांग की थी। न्यायालय ने जेल में बंद आरोपित की शादी मंदिर में कराने का आदेश दिया था।