सनातन धर्म में काले रंग को अशुभता एवं शोक का प्रतीक माना जाता है. किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, शादी-विवाह में काले कपड़े या काले रंग को अशुभ माना गया है. लेकिन इन सब के बाद भी शादियों में दुल्हन को पहनाएं जाने वाला मंगलसूत्र काले रंग का होते हैं. आखिर हर चीजों में काले रंग को जब दूर रखा गया तो मंगलसूत्र की मोतियों को काले रंग का क्यों रखा गया.

ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित के मुताबिक, काले रंग का गोरा सच है कि स्वयं देवताओं ने इसे सर्वश्रेष्ठ माना है. काला रंग धन-दौलत का प्रतीक है. यह आपके सम्मान रुतबे और ताकत को दर्शाता है. काला रंग न्याय के देवता शनि का रंग है. यह किसी के साथ भेदभाव और पक्षपात नहीं करना दर्शाता है, इसलिए जज और वकीलों के कोट काले रंग के होते हैं.

क्या सच में काला रंग अशुभ? 
नवदुर्गा के 9 स्वरूपों में से सातवां स्वरूप मां महाकाली का है, यह इतना शक्तिशाली है कि उनके क्रोध को शांत करने के लिए स्वयं भोलेनाथ को उनके चरणों के नीचे आना पड़ा. भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम भी काले रंग के होते हैं जो घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं. शास्त्रों में काली गाय की सेवा को श्रेष्ठ माना गया है. शनि अथवा केतु की नकारात्मक दशा है तो काले कुत्ते को रोटी खिलाने का विधान है. काले रंग के शिवलिंग पर जल और दूध का अभिषेक करने से लोगों की कामना पूरी होती है.

शादी का मंगलसूत्र काला क्यों?
सात जन्मों तक रिश्ता बना रहे और सुहाग को किसी की नजर ना लगे इसलिए मंगलसूत्र की मोतियों को काला चूना गया है. रिश्ता को लंबे समय तक कायम रखने के लिए मंगलसूत्र की मोतियों को काला बनाया गया है.

वास्तु शास्त्र में काले रंग को क्या माना जाता है?
शगुन शास्त्र के अनुसार घर में काली चीटियों का आना बहुत ही शुभ माना गया है ऐसी मान्यता है कि इससे घर में धन धान्य का आगमन होता है.  काला रंग इतना शक्तिशाली है कि नजर दोष से मुक्ति के लिए लोग शनि मंदिर या भैरव मंदिर से लाकर काले धागे को बांधते हैं. वास्तु शास्त्र में काले रंग से परहेज रखा जाता है. कपड़े हो या फिर आपके घर का रंग ही क्यों ना हो. वास्तु शास्त्र में काले रंग को बुराई, मृत्यु, अवसाद, विद्रोह, शक्ति, औपचारिकता जैसे भाव का परिचायक माना गया है.

इन्हें काले रंग से बचना चाहिए
जिन जातकों की कुंडली में शनि नीच राशि में हो या किसी तरह पीड़ादायक हो तब काले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए. शनि मेष राशि में होता है तब वह अपनी नीच राशि में माना जाता है. न्यूमेरोलॉजी के अनुसार यदि आपके बर्थ डेट में 8 नंबर अधिक बार हो तब भी काले रंग से बचना चाहिए. शनि पीड़ादायक हो और न्यूमेरोलॉजी में 8 अंक की अधिकता हो तो मोबाइल नंबर में 8 अंक का प्रयोग कम से कम करना चाहिए.