हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले माथे पर तिलक लगाने का विधान सदियों पुराना है. यही नहीं, कुछ लोग रोज पूजा के दौरान टीका लगाते हैं. बिना तिलक लगाए पूजा नहीं करते. माना जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से मन शांत और एकाग्र रहता है. शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

वहीं, सभी लोग एक जैसा तिलक नहीं लगते. कोई लंबा तिलक लगाते हैं तो कोई गोल. कोई त्रिपुंड या भस्म लगाता है. वहीं, तिलक लगाने का एक नियम होता है, ताकि तिलक से शुभ फल की प्राप्ति हो. अगर जातक नियम अनुसार तिलक नहीं लगाते तो मन की एकाग्रता भंग हो सकती है. आप गलत ढंग से तिलक लागते हैं तो इसके विपरीत परिणाम भी दिख सकते हैं.

पाप हो जाते हैं नष्ट
तिलक लगाने की परंपरा ऋषि-मुनियों के काल से है. मस्तिष्क पर तिलक लगाने से सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है. दिन भर में भूल-चूक से हुआ पाप भी नष्ट हो जाता है. सभी संप्रदाय के लोग अलग-अलग तरह से तिलक लगाते हैं, जैसे वैष्णव संप्रदाय के लोग त्रिपुंड उर्दपुण्ड तिलक लगाते हैं, यानी खड़ी रेखा बनती है. शैव संप्रदाय के लोग त्रिपुंड और जो शाक्त संप्रदाय के लोग हैं वो लाल चंदन अवश्य लगाते हैं.


1. तिलक लगाते वक्त हाथ को रखे सिर के पीछे
जब भी आप तिलक लगाएं तो बाएं हाथ को सिर के ऊपर या पीछे रहना चाहिए, ताकि उस समय दिमाग में कोई भी नकारात्मक चीज न आए. साथ ही जब भी खुद को तिलक लगाएं तो अनामिका या अंगूठे से लगाएं. क्योंकि अंगूठे का संबंध शुक्र से है जो धन वैभव संपदा का कारक ग्रह माना जाता है.

2. उत्तर या पूर्व दिशा में खड़े होकर तिलक लगाएं
मनुष्य के जीवन में दिशा का प्रभाव खास होता है. जब भी आप तिलक लगाएं तो उत्तर या पूर्व की दिशा में ही खड़ा होकर तिलक लगाएं, नहीं तो शुभ फल की प्राप्ति नहीं होगी. जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है.

3. तिलक लगाते वक्त मंत्रों का उच्चारण
तिलक लगाते वक्त एक मंत्र का उच्चारण अवश्य करना चाहिए, वह मंत्र है “ॐ चंदनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशनम् आपदां हरते नित्यं, लक्ष्मी तिष्ठति सर्वदा.”

4. तिलक लगाने के बाद न करें तामसिक भोजन
तिलक लगाने के बाद तामसिक भोजन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. अगर ऐसा करते हैं तो दिनभर के पुण्य नष्ट हो जाएंगे और परेशानियां बढ़ जाएंगी.