नई दिल्ली| किसान रेल सेवा से बिहार और जम्मू-कश्मीर किसान अब तक वंचित हैं। रेलवे ने तीन साल में 2,359 किसान रेल सेवा ट्रेन संचालित की। इनमें से एक भी ट्रेन बिहार और जम्मू-कश्मीर से नहीं चलाई गई। रेल मंत्रालय के अनुसार किसान रेल सेवाओं की आवाजाही के लिए संभावित सर्किटों की पहचान कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकारों के कृषि पशुपालन, मत्स्य पालन विभागों के साथ-साथ स्थानीय निकायों और एजेंसियों, मंडियों आदि के परामर्श से की जाती है और मांग के आधार पर रैक प्रदान किए जाते हैं।

केंद्रीय रेल मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि 7 अगस्त 2020 से 31 जनवरी 2023 तक रेलवे ने 2,359 किसान रेल सेवा ट्रेन का संचालन किया। इसके जरिए लगभग 7.9 लाख टन सामानों का परिवहन किया गया। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश से 116, असम से 1, गुजरात से 62, कर्नाटक से 46, महाराष्ट्र से 1,838, मध्य प्रदेश से 74, पंजाब से 15, राजस्थान से 5, तेलंगाना से 66, त्रिपुरा से 1, उत्तर प्रदेश से 76 और पश्चिम बंगाल से 59 ट्रेनों का संचालन हुआ। वहीं नागालैंड, बिहार, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से अब तक एक भी ट्रेन नहीं चलाई गई।

किसान रेल सेवा द्वारा फलों और सब्जियों के परिवहन के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा पिछल्ले साल 31 मार्च तक 50 फीसदी की सब्सिडी दी गई थी। इसके बाद 45 प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जा रही है। यह सब्सिडी इस साल 31 मार्च तक लागू है।

मंत्रालय के अनुसार 2020-21 के दौरान रेलवे ने सब्सिडी के रूप में 27.79 करोड़ वितरित किए, जिसकी प्रतिपूर्ति खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा की गई थी। 2021-22 के दौरान रेलवे ने सब्सिडी के रूप में 121.86 करोड़ रुपये का वितरण किया। चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 जनवरी तक रेलवे ने सब्सिडी के रूप में 4 करोड़ रुपए दिए।