आयकर विभाग ने झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के पास से बेहिसाब नकदी बरामद की है। मामले में विपक्षी नेता कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग ने बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ अब तक 225 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की है। 

भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में नकदी बरामद हुई है इसलिए राज्यसभा सांसद को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मामले की जांच आवश्यक है। मामले के तार कांग्रेस नेतृत्व के साथ–साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी जुड़े हो सकते हैं। आयकर विभाग तीन दर्जन मशीनों से नोटों की गिनती कर रहा है।

पीएम मोदी ने भी साधा निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि 'देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी से भाषणों को सुनें....जनता से जो  लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है।'

नोटों के बंडल ऑफिस की नौ अलमारियों में भरे रखे थे

बता दें कि धीरज साहू एक बड़े उद्योगपति हैं और शराब बनाने वाली कंपनी बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े हैं। आयकर विभाग ने ग्रुप के झारखंड-ओडिशा और बंगाल के 10 ठिकानों पर छापेमारी की। आयकर विभाग ने बलदेव साहू कंपनी के बोलांगीर स्थित कार्यालय से 30 किलोमीटर दूर सतपुड़ा ऑफिस में छापेमारी में 200 करोड़ रुपये कैश बरामद किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नोटों के बंडल ऑफिस की नौ अलमारियों में भरे रखे थे। नोट 500, 200 और 100 रुपये को गड्डियों में रखे थे। इतनी बड़ी संख्या में कैश मिलने के बाद आयकर विभाग की टीम ने मशीनों से नोट गिनकर 157 बैगों में भरा, जब बैग कम पड़ गए तो बोरियों में नोट भरे गए और उसके बाद एक ट्रक में डालकर इन्हें बैंक ले जाया गया। 

40 सदस्यीय टीम की कार्रवाई

आयकर विभाग की 40 सदस्यों वाली टीम ने बुधवार सुबह साढ़े छह बजे से ओडिशा के बौध, बोलांगीर, रायगढ़ा और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा और कोलकाता में एक साथ छापेमारी की गई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आयकर विभाग ने कंपनी के कई खातों को फ्रीज कर दिया है। आयकर विभाग के अधिकारी कंपनी संचालकों से आय के स्त्रोत और इतनी बड़ी संख्या में नकदी जमा करने को लेकर पूछताछ कर सकते हैं। इस मामले में ईडी भी शामिल हो सकती है।