सीआरपीएफ भर्ती में हुए फर्जीवाड़े में लिखित परीक्षा दूसरे से दिलवाने के मामले में एक अन्य आरोपी को जांच में शामिल किया गया है। आरोपी भिवानी के गांव बामला निवासी सितेंद्र है। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ कर उसके बयान दर्ज किए है।

27 अगस्त, 2019 को भर्ती बोर्ड के चेयरमैन व सीआरपीएफ चंडीगढ़ के द्वितीय कमांडेंट संजय कुमार ने राई थाना में शिकायत दी थी कि ग्रुप केंद्र खेवड़ा में सीआरपीएफ सिपाही भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में कई अभ्यार्थियों ने दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी। बाद में वह फिजिकल देने खुद आ गए थे। जिस पर डीआईजी (भर्ती), नई दिल्ली की तरफ से पत्र मिला था कि जिन अभ्यार्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी मिलान नहीं कर रही है उन्हें परीक्षा से हटा दिया जाए और उनके खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया जाए।

जिस पर राई पुलिस ने अंगूठे का मिलान नहीं होने पर चरखी दादरी के गांव पंडवान के अनिल कुमार, गांव रानीला के योगेश कुमार, पानीपत के गांव जलमाना के सच्चेंद्र तथा भिवानी के गांव खरक खुर्द निवासी सुरेश पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस मामले में गांव गंगाना के प्रदीप, चिढ़ाना के सोनू, गांव भावड़ निवासी मोनू व आजाद, गांव बिधलान के नितिन, झज्जर के गांव लडरावण के धीरज व दुबलधन के देवेंद्र, चरखी दादरी के गांव अचीना टाल के रहने वाले दीपक, विनीत, गांव भागेश्वरी का रहने वाले जगबीर, गांव सिसाना का रहने वाले अमित, रोहतक के गांव गिजी के रहने वाले संदीप व बोहर के हिमांशु, बनवासा के अजय को गिरफ्तार कर लिया था। अब आर्थिक अपराधा शाखा में नियुक्त एएसआई मनमोहन ने मामले में आरोपी सतेंद्र को जांच में शामिल किया है। पुलिस ने उसके बयान दर्ज किए हैं।