सनातन धर्म में मलमास को बेहद ही खास माना जाता हैं क्योंकि इस दौरान की जाने वाली पूजा अर्चना का फल साधक को कई गुना प्राप्त होता हैं ये पवित्र महीना पूजा पाठ के लिए उत्तम होता हैं इस दौरान भक्त देवी देवताओं की पूजा पाठ, मंत्र जाप व व्रत आदि करते हैं।


 

लेकिन इसी के साथ ही अगर मलमास में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो लाभ मिलता हैं साथ ही साथ जीवन की हर परेशानियां दूर हो जाती हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि मलमास के दिन में क्या करें और क्या नहीं।

 

मलमास में क्या करें क्या नहीं-
हिंदू मान्यताओं के अनुसार मलमास के दिनों मे अधिक से अधिक समय धार्मिक अनुष्ठान व पूजा पाठ में लगाना उत्तम माना जाता हैं। इसके साथ ही इन दिनों में शुद्ध व सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। साथ ही आचरण भी ऐसा ही रखना चाहिए। माना जाता हैं कि इस दौरान अगर एक ही समय भोजन किया जाए तो सेहत से जुड़े लाभ मिलते हैं।

 

वही अधिकमास में तिल, चना, मूंगफली, चावल, मटर, ककड़ी, आम, पीपल, जीरा, सुपारी, सेंधा नमक, कटहल, गेहूं, सफेद धान, मूंग, घी धनिया, मिर्च आदि का सेवन करना चाहिए। वही इसके अलावा मलमास में पड़ने वाली प्रमुख तिथियों में उपवास रखना अच्छा माना जाता हैं। लेकिन इस दौरान भूलकर भी मलमास में लहसुन प्याज, मांस मदिरा, अंडे, नशीले पदार्थ, मछली, बासी भोजन,शहद, चावल का मांड, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, साग सब्जी, तिल का तेल, राई गोभी का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सेहत को हानि पहुंचती है साथ ही साथ व्यक्ति पाप का भागी भी होता हैं।