भारतीय महिला मुक्केबाजों के सामने 17 साल पहले की सफलता को दोहराने का मौका है। दिल्ली में ही हुई 2006 की विश्व चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने चार स्वर्ण पदक जीते थे। इस बार भी उसके चार मुक्केबाज नीतू (48), निकहत जरीन (50), लवलीना (75) और स्वीटी बूरा (81) फाइनल में हैं। नीतू और स्वीटी शनिवार को स्वर्ण के लिए रिंग में उतरेंगी, जबकि निकहत और लवलीना रविवार को फाइनल खेलेंगी।

नीतू ने कहा- इस चैंपियनशिप में उनका खेल सुधरा

दो बार की विश्व यूथ और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की विजेता नीतू के सामने दो बार एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य जीत चुकीं मंगोलिया की अल्तांतसेतसेग लुतसाइखान होंगी। नीतू अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण जीतने के लिए आश्वस्त लग रही हैं। वह कहती हैं कि उन्होंने इस चैंपियनशिप केदौरान अपने खेल में काफी सुधार किया है। पहले वह एक ही तरह से (काउंटर अटैक) बाउट लड़ती थीं, लेकिन अब उन्होंने पास जाकर भी खेलने शुरू किया है। कजाखस्तान की सर्वोच्च वरीय अलुआ के खिलाफ उन्होंने इसी तरह से खेला जिसमें उन्हें सफलता मिली।

स्वीटी ने नौ साल पहले जीता था रजत अब स्वर्ण जीतने का मौका

वहीं, 2014 की विश्व चैंपियनशिप का रजत जीतने वाली स्वीटी के पास अपने पदक का रंग बदलने का मौका है। स्वीटी के सामने 2018 की विश्व चैंपियन चीन की लिना वांग होंगी। स्वीटी के मुताबिक अभी तक उन्होंने इस टूर्नामेंट की दोनों बाउट में पहले दो दौर में अपना सर्वश्रेष्ठ आक्रामक प्रदर्शन किया है, जिसका उन्हें फायदा भी मिला है। इसी प्रदर्शन को वह फाइनल में जारी रखना चाहेंगी।